
ज़िन्दगी बहुत अजीब सा परिचय देती है .. और वक़्त भी उसी की कलम की सियाही
बन कर चल पड़ता है... ज़िन्दगी कभी दिल के करीब होते है सांसों की खुशबू बन
कर हम मैं समां जाती है, और कभी जब आंखें बंद कर के उसको महसूस करना चाहो तो दूर नज़र आने लगती है किसी छलावा की
तरह .. निराश कर के कभी बेरंग सी हो जाती है..और कभी समझने की कोशिश करो तो लगता है की मैं खुद उलझ रहें है..