Monday, September 10, 2012

जीने के वजह ...



बारिश  की  बूंदों मैं एक महक सी हे .. कुछ हवा मैं भी सादगी है .. आज ऐसे रंग आसमान मैं उभरे मानो सातों रंग  और सुर एक साथ नाच उठे हो .. मैं  अपनी खिड़की से बहार देख कर अपने मन की कल्पनाओं  की  उड़ान भर ने लगी..  चली गए उस सपने मैं जो शायद  कभी  हकीकत मैं बदल जाये .. वही  रंगों का देश, जहा मैं और  मेरे कैनवास  है  बस.. मैं कहीं सपनो  में गुम थी  ..तभी दरवाजे पर दस्तक सी  हुए.. मैं मुस्कुराकर  खिड़की से दरवाजे  की  ओर  बड़ी, खोला तो पाया के पवन ने ही शायद मुझे सपने से जगाया हो.. कोई नहीं था ..
 
बस एक दस्तक थी | बस एक छोटा सा लम्हा जिसको शब्दों मैं पिरोया दिया ..यु ही .. 

वक़्त कितना रंगीन होता है .. उसके रंगों मैं कभी काले बादल होते है तो कभी सवेरे का उजाला .. कभी सपने होते हैं तो कभी टूटे हुए कांच के तुकडे .. वक़्त हमें बस कुछ पलों की महोलत देता है की हर कदम पर हम एक पल उठा सके .. चाहे हम उसे जी ले या फिर सहेज कर रख ले अच्छी बुरी  यादों की तरह.. उसी वक़्त से मिली मोहलत का एक लम्हा मैंने अपने आँखों मैं कैद कर लीया और शब्दों मैं पिरो कर रख लिया .. हमेशा के लिए ..  मेरा एक  सपना ..मेरे रंग .. एक आस .. जीने के वजह ..        


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