Tuesday, September 11, 2012

परिचय




ज़िन्दगी बहुत अजीब सा परिचय देती है .. और वक़्त भी उसी की कलम की सियाही बन कर चल पड़ता है... ज़िन्दगी कभी  दिल के करीब होते है सांसों की खुशबू बन कर हम मैं समां जाती है, और कभी जब आंखें बंद कर के उसको महसूस  करना चाहो तो दूर नज़र आने लगती है किसी छलावा की तरह .. निराश कर के कभी बेरंग सी हो जाती है..और कभी समझने की कोशिश करो तो लगता है की मैं खुद उलझ रहें है.. 


यहाँ से जब मैं दखते हूँ तो वो सरे पल जैसे आँखों के सामने जिंदा हो जाते है ..वो सुनहरे प्यार के लम्हे , सपने और वादे .. कुछ दिल ने किये थे .. कुछ हालत ने और कुछ परिवार वालों ने .. पर ज़िन्दगी  का दूसरा पहलू शायद जियादा गहरे रंग का था जिस मैं दर्द के काले रंग थे .. और तकलीफ के लाल रंग .. ज़िन्दगी उस तरह हो जाती है जैसे परियौं के कहानी  .. जैसे कोई फूल किसी गुमनाम किताब के पन्ने मैं हो.. सुखा और बेरंग... पर आगे तो बढ़ाना होता है ..ज़िन्दगी है आखिर रुकगे तो नहीं मेरे रुकने से ..पर क्या ज़िन्दगी बस इतने मैं हार मान जाती है ?..नहीं.. कुछ अच्छे रंग भी  दिखाती .. जिस से शायद ज़िन्दगी से प्यार होने लगता है .. लगता है  जैसे फूल बिछाए हो और रंगों से आसाम भर दिया हो .. तभ लगने लगता है  के यह ज़िदगी छलावा नहीं है .. शायद शितिज करीब ही है !!.. एक नया परिचय देती है फिर से ..
इन सब के बिच वक़्त भी अपनी भूमिका निभाने आ जाता है ... और फिर उस मोड पर ला कर खड़ा कर देता है.. जहा से सब फिर छलावा लगता है.. वही लम्हें जो और लम्हों के साथ जुड़ कर यादें बन जाते है .. कुछ अच्छे और कुछ बुरे.. फिर एक और नया परिचय देते ज़िन्दगी.. अपने साथी वक़्त के साथ ..   

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