Sunday, September 16, 2012

Thursday, September 13, 2012

Tuesday, September 11, 2012

परिचय




ज़िन्दगी बहुत अजीब सा परिचय देती है .. और वक़्त भी उसी की कलम की सियाही बन कर चल पड़ता है... ज़िन्दगी कभी  दिल के करीब होते है सांसों की खुशबू बन कर हम मैं समां जाती है, और कभी जब आंखें बंद कर के उसको महसूस  करना चाहो तो दूर नज़र आने लगती है किसी छलावा की तरह .. निराश कर के कभी बेरंग सी हो जाती है..और कभी समझने की कोशिश करो तो लगता है की मैं खुद उलझ रहें है.. 

Monday, September 10, 2012

जीने के वजह ...



बारिश  की  बूंदों मैं एक महक सी हे .. कुछ हवा मैं भी सादगी है .. आज ऐसे रंग आसमान मैं उभरे मानो सातों रंग  और सुर एक साथ नाच उठे हो .. मैं  अपनी खिड़की से बहार देख कर अपने मन की कल्पनाओं  की  उड़ान भर ने लगी..  चली गए उस सपने मैं जो शायद  कभी  हकीकत मैं बदल जाये .. वही  रंगों का देश, जहा मैं और  मेरे कैनवास  है  बस.. मैं कहीं सपनो  में गुम थी  ..तभी दरवाजे पर दस्तक सी  हुए.. मैं मुस्कुराकर  खिड़की से दरवाजे  की  ओर  बड़ी, खोला तो पाया के पवन ने ही शायद मुझे सपने से जगाया हो.. कोई नहीं था ..

Thursday, February 9, 2012

हमराह
रात के सफ़र में सितारे जैसे हमराह  होते हैं, साथ साथ चलते हैं मंजिल तक ..न कोई आडम्बर न ही कोई दिखावटी चमक बस अपने उज्वल स्वरुप की  चमक बिखेरते हुए जैसे हैं वैसे हे चल पड़ते हैं राहगीरों के संग सफ़र के साथी बनके .. मैंने बस की खिड़की से बहार देखा.. एक उदासी भरा घोर अंधकार किसी साये के तरह मालूम हो रहा था..एक पल तो डर कर मैंने अपनी  आखें बंद कर ली निराशा भरे विचरों के दलदल में धास्ती जा रहे थी, जैसे किसी डरावने साये मैं खोते जा रहे थे ... अजीब से घबराहट और डर ने मुझे घेर लिया..अचानक एक रोशनी की  लहर ने मेरी आँखे खोल दी... शायद कोई  बस का स्टॉप आया था.. रोशनी जैसे मुझे मेरे  विचारों के दलदल  से  निकल रही थी, मैं अपने आँखे खोली और  सहसा आसमान के तरफ देखा .. आसमान जैसे रौशनी  से भरा एक काफिला लग रहा था ... तारों के उजली काया ने जैसे मेरे विचारों पे पड़े उस घोर अन्धकार को अपने चमक से हरा दिया हो ...ऐसा लगा  जैसे तारे मेरी  एक नज़र का इंतजार कर रहे थे .. जैसे कोई  रास्ता दिखा रहे थे उजाले की ओर मुकुराते हुए मेरे सफ़र के यह साथी .. जगमगाहट से भरे तारे..